Ganesh Chaturthi 2023: भक्तों की मन की इच्छा पूरी होती है इस 400 साल पुराने मंदिर में, स्वयंभू प्रकट हुए थे भगवान गणेश
- By Sheena --
- Tuesday, 19 Sep, 2023
This 400 year old temple self proclaimed Lord Ganesha Appeared
Ganesh Chaturthi 2023: आज यानी 19 सितंबर के दिन गणेश चतुर्थी है। इस दिन घरो में लोग गणपति बाप्पा को अपने घर आंगन में विराजमान करते है और 10 दिनों तक उनकी पूजा अर्चना की जाती है फिर उनका विसर्जन किया जाता है। गणेश चतुर्थी पर लोग मंदिर में जाते है और बाप्पा के दर्शन करते है। हमारे देश में ऐसे कई मंदिर ऐसे है जहां ऐसे जहां गणेश जी मूर्ति स्वयंभू प्रकट हुई है। उन्ही में से एक मंदिर है जो की 400 साल पुराना है। इस मंदिर को गणपतिपुले मंदिर जाना जाता है। आपको बतादें कि गणेश चतुर्थी पर यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं। महाराष्ट्र के साथ ही पूरे देशभर में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश भक्तों की मन की इच्छाओं को पूरा करते हैं। इस गणेश चतुर्थी आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ गणपतिपुले मंदिर की सैर कर सकते हैं। आइए इस मंदिर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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गणपतिपुले मंदिर महाराष्ट्र में है। यह मंदिर महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में है। जहां पर मंदिर मौजूद है उस जगह का नाम गणपतिपुले मंदिर है। मंदिर समुद्र तट के किनारे स्थित है जिस कारण भगवान गणेश के दर्शनों के साथ ही यहां श्रद्धालु समुद्री तट का लुत्फ उठाने भी पहुंचते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर का इतिहास करीब 400 साल पुराना है। लोक मान्यता में कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण ऋषि अगस्त्य ने किया था। पौराणिक कथा के अनुसार इस मंदिर में भगवान गणेश खुद प्रकट हुए थे। बाद में यहां ऋषि अगस्त्य पूजा-पाठ करने लगे।
मंदिर के गर्भगृह में भगवान गणेश जी मूर्ति सफेद रेत से बनी है।गणेश चतुर्थी पर यह मंदिर खास तरीके से सजाया जाता है। मंदिर सुबह 5 बजे खुल जाता है और रात को 9 बजे बंद होता है। मंदिर में सुबह 6 बजे आज शाम 7 बजे आरती होती है। मंदिर के आसपास टूरिस्टों के घूमने के लिए कई सारी जगहें हैं। यहां श्रद्धालु गणपतिपुले बीच की सैर कर सकते हैं। यह समुद्री तट काफी प्रसिद्ध है और साफ-सुथरा है।
टूरिस्ट और श्रद्धालु यहां जयगढ़ किला घूम सकते है। यह किला गणपतिपुले मंदिर से कुछ ही दूरी पर मौजूद है। इस फोर्ट का निर्माण 16 वीं शताब्दी में किया गया था। इस फोर्ट से आप समुद्र की हसीन लहरों को निहार सकते हैं। गणपतिपुले मंदिर से करीब 35 किमी की दूरी पर वेलनेश्वर गांव है, टूरिस्ट यहां भी जा सकते हैं। यह गांव बेहद सुंदर है। इस मंदिर आप ट्रेन, बस, हवाई जहाज और निजी वाहन से पहुंच सकते हैं। यहां के नजदीक का हवाई अड्डा रत्नागिरी हवाई अड्डा है। इसके साथ ही नजदीकी रेलवे स्टेशन रत्नागिरी रेलवे स्टेशन है।